Free Ration : क्या सच में राशन बंद होने वाला है ? क्यों बंद होने वाला है ?
लोकसभा चुनाव 2024 में एक चर्चा दबी रह जाती है क्या राशन बंद होने वाला है ? इस विषय पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों गठबंधन को अपना विचार देश के सामने व्यक्त करना चाहिये कि वो गरीबों को फ्री में मिलने वाला राशन बंद नहीं करेंगे।
लोकसभा चुनाव 2024 में ये विषय कोई क्यों भी पक्ष क्यों नहीं उठा रहा है। चुनाव से पहले तो फ्री राशन फ्री राशन की बहुत चर्चा की जाती रही है, कई समाचार चैनलों पर बहुत घंटों बहस हो चुकी है किन्तु लोकसभा चुनाव में राशन के विषय में किसी भी पक्ष से कोई वक्तव्य न आना संदेहास्पद है और एक ही शंका उत्पन्न होती है कि क्या राशन बंद होने वाला है ?
क्या सच में खटाखट राशन बंद होने वाला है
यदि आपके मन में अभी तक ये प्रश्न उत्पन्न न हुआ हो तो इस पर एक बार विचार करने की आवश्यकता है क्योंकि दोनों पक्षों में से कोई भी राशन पर बात नहीं कर रहा है। बंद करने की बात तो कोई कर नहीं सकता है लेकिन सरकार बनने पर बंद करने की छुपी योजना हो सकती है । इसके कारण हैं, और हम कारण सहित इस प्रश्न को उठा रहे हैं एवं दोनों पक्षों से इस पर स्पष्ट उत्तर की अपेक्षा करते हैं, गारंटी की मांग करते हैं।
खटाखट राशन क्यों बंद होने वाला है
राशन बंद होने संबंधी संदेह के पीछे क्या कारण है और क्यों गारंटी चाहिये ? कारण पर चर्चा से पहले हमें ये समझने का प्रयास करना चाहिये कि सरकार किसकी बनने जा रही है ? वैसे भाजपा के सभी नेता तो 400 पार करने की ताल ठोक रहे हैं किन्तु वहीं कांग्रेस और पूरा विपक्ष 200 के अंदर रहने सिमट जाने का दावा कर रहा है। राहुल गांधी ने हाल ही में कहा है मोदी एक बब्बर शेर है, उस बब्बर शेर का राजनीतिक वध करने के लिये INDI गठबंधन में कई बब्बर शेरों का झुंड जमा हो गया है।
यद्यपि यहां और भी प्रश्न उठता है कि चलो मोदी को तुमने हटा दिया लेकिन जंगल का राजा तो एक ही बब्बर शेर होगा न, तो मोदी के बाद फिर आपस में कौन किसको खत्म करेगा और राजा बनने वाला बब्बर शेर कौन है यह तो अंत में ही पता चल पायेगा पहले नहीं पता चल सकता।
इसी तरह चट्टे-बट्टे का जो झुण्ड है वो तो 2014 में भी नंगा नाच रहा था, 2019 में भी और अब 2024 में भी नाच-नाच कर थक चुके हैं लेकिन ये डर भी है कि यदि नाचना बंद किया तो ..... एक फिल्म की "नाच बसंती" को याद कीजिये बाकि बातें स्वतः समझ में आ जायेगी। ये चट्टे-बट्टे नाच-नाच कर थक गये हैं लेकिन बंद नहीं कर सकते और मोदी को मैदान से बाहर करके जो भी बब्बर शेर होगा उसकी ताजपोशी करने का सपना देख रहे हैं।
हम विपक्ष को और चट्टे-बट्टों को सही मान लेता हूँ, चलो मान लिया मोदी को 2024 में आउट कर रहे हो अब ये बताओ कि गरीबों को मिलने वाले फ्री राशन का क्या करोगे, बंद करोगे क्या ? कैसे बंद करोगे, कब बंद करोगे ये सब देश को अभी चुनाव में ही बता दो।
संदेह का कारण
खटाखट फ्री राशन के बंद होने पर संदेह होने का जो मुख्य कारण है वो है सभी विपक्षी दलों का इस पर बार-बार प्रश्नचिह्न लगाना। सभी बब्बर शेरों के प्रवक्ता समाचार चैनलों पर होने वाले बहस में जब कभी भी राशन की बात आयी है तो इस प्रकार प्रतीकार ही किया है : "देश के 80 करोड़ लोगों को भिखाड़ी बनाकर फ्री का राशन क्यों दे रही है सरकार" लेकिन कभी ये नहीं कहा कि यहां-वहां-कहीं-कोई गरीब ऐसा है जिसे राशन नहीं मिल रहा है।
यदि ये विपक्षी दल देश के गरीबों को मिलने वाले फ्री राशन के विरुद्ध नहीं होते तो 80 करोड़ लाभुकों को भिखारी क्यों कहा करते ? अर्थात फ्री राशन के विरुद्ध हैं।
जब मोदी ने और 5 वर्षों तक गरीबों को मिलने वाले राशन को बढ़ाने की बात किया तो विपक्ष ने एक कुतर्क रचा कि देश की 80 करोड़ जनता को गरीब ही रखना चाहते हैं। इसका सीधा अर्थ निकलता है विपक्ष गरीबों को मिलने वाले फ्री राशन के विरोध में है और इस विरोध के कारण संदेह उत्पन्न होता है कि उनके अनुसार यदि उनकी सरकार बन गयी तो क्या राशन बंद कर देंगे ?
यदि अभी राशन मिलना गलत है किन्तु विपक्ष में रहने के कारण कुछ नहीं कर सकते लेकिन सरकार बनने के बाद तो गलती को सुधारेंगे ही। गलती को तो इसी प्रकार सुधारा जा सकता है कि राशन बंद कर दिया जाय।
जो विपक्षी गरीबों के फ्री राशन तक को बंद करने की सोच रखता है वो हर महिला को एक लाख कहां से देगा। वैसे भी कांग्रेस के सभी चुनावी वादे झूठे ही सिद्ध हुये हैं तेलंगाना चुनाव में भी 15000 दे रहे थे और अभी तक देते ही रह गये। छत्तीसगढ़, राजस्थान आदि में 1, 2, 3 ..... 10 गिनकर कुछ न कुछ वादे किये थे देश को बतायें कि क्या वहां वादे पूरे किये थे।
आज नौकरी देने की बात कर रहे हैं और उन्हीं के चट्टे-बट्टे नंगा नाच कर रहे हैं कि राजस्थान में लाखों पद रिक्त हैं। यदि आज राजस्थान में लाखों सरकारी पद रिक्त हैं तो अभी-अभी जो सरकार गयी है ये उसी की देन है न, तुरंत 4-5 महीने में भाजपा सरकार बनने के बाद कैसे रिक्त हो सकते हैं ? अर्थात इनकी सरकार ने 5 वर्ष के कार्यकाल में नकारियाँ नहीं दिया। वहीं नौकरी के बदले जमीन हड़पने का विषय तो जगजाहिर ही है।
राशन क्यों बंद हो गया
हमें अभी राशन के विषय पर ही डटे रहने की आवश्यकता है और जिन चट्टे-बट्टों के नंगे नाच से विपक्ष जीतने जा रही है तो उससे राशन बंद होने से पहले ही पूछना होगा राशन बंद करोगे क्या ? यदि ये चुनावी लाभ के लिये बंद नहीं करने की बात कर दें तो भी एक प्रश्न फिर रहेगा कि क्या तुम्हारी सरकार भी गरीबों को गरीब ही रखना चाहती है ?
चुनाव में ही क्यों पूछना चाहिये : अभी चुनाव में ही ये प्रश्न इसलिये पूछना चाहिये कि यदि अभी न पूछें तो बाद में राशन क्यों बंद हो गया ये चिल्लाने से कुछ नहीं मिलेगा क्योंकि उस समय जो स्थिति होगी उसे कहते हैं "अब पछताये होत क्या जब चिड़ियां चुग गयी खेत"
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